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मध्य प्रदेश के विदिशा जिले (Madhya Pradesh Vidisha district) के लटेरी तहसील के खेरखेड़ी पठार गांव में एक बच्चा मंगलवार को खेत में बने बोरवेल में गिर गया। लटेरी के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) हर्षल चौधरी ने बताया कि यह घटना जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर पूर्वाह्न करीब 11 बजे हुई। मंगलवार को पूर्वाहन 11 बजे लोकेश अहिरवार (सात) खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गया। सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। एमपी में बार बार हो रही इस तरह की घटनाएं प्रशासन पर भी सवाल खड़ा कर रही हैं।
अधिकारी ने बताया कि किसी खेत में बोरवेल खुला छोड़ दिया गया था। बोरवेल करीब 50 फीट गहरा बताया जा रहा है। जिस समय यह घटना हुई उस वक्त मजदूर दिनेश अहिरवार चने की फसल काट रहे थे। उनका बेटा खेल रहा था। खेलते खेलते यह मासूम बोरवेल में गिर गया। कैमरे की मदद से बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। जेसीबी द्वारा खुदाई कर बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन का अमला राहत और बचाव अभियान में जुटा है।
माता – पिता बच्चे की चीख सुनकर उसकी ओर दौड़े तो उन्हें उसके बोरवेल में गिरने का पता चला। आनन फानन में अन्य मजदूरों ने सूचना पुलिस थाने को दी। बच्चे को बचाने के लिए भोपाल से एनडीआरएफ की टीम रवाना हो चुकी है। घटनास्थल पर जेसीबी मशीन से खोदाई कराई जा रही है। बोरवेल के चारों तरफ रस्से के सहारे बैरिकेड लगाए गए हैं। नाइट विजन कैमरे की मदद से बोरवेल में फंसे बच्चे की हलचल पर निगरानी रखी जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि बचाव टीम की ओर से बच्चे को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई है। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने भोपाल की एनडीआरएफ टीम से मदद मांगी है। लटेरी एसडीएम हर्षल चौधरी समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। बच्चे के बोरवेल में गिरने के कारण माता पिता की हालत खराब है। उनका रो-रोकर बुरा हाल है। इसे किसान ने इस बोरवेल को पिछले साल खुदवाया था। पानी नहीं निकलने के बाद करीब दो फीट चौड़े बोरवेल को खुला ही छोड़ दिया गया था। सूबे में लगातार हो रही इस तरह की घटनाएं प्रशासन पर सवाल उठा रही हैं।
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