अग्निपथ में आयु सीमा बढ़ाने के पक्ष में सेनाएं, 50 फीसदी के रिटेंशन को तैयार

अग्निपथ में आयु सीमा बढ़ाने के पक्ष में सेनाएं, 50 फीसदी के रिटेंशन को तैयार

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लगातार राजनीति का अखाड़ा बनी अग्निपथ योजना पर सेना द्वारा एक बड़ा बदलाव करने के लिए मंथन जारी है। इस मामले के जानकार वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि सशस्त्र बल, सरकार को अग्निपथ में शामिल होने वालों के लिए आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष करने और चार साल के बाद कम से कम 50 फीसदी को सेना में बरकरार रखने का सुझाव दे सकते हैं ।

नाम न बताने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि सैनिकों की भर्ती के लिए दो साल पहले शुरू की गई विवादास्पद योजना में जो बदलाव बताए गए थे, उनका मकसद यह था कि सेना की युद्ध प्रभावशीलता में वृद्धि हो। अग्निपथ योजना पूरे देश में ही विवाद की वजह बनी, खास तौर पर उत्तरी भारत के राज्यों में जहां पर इस योजना को लागू करते समय आगजनी और हिंसा की घटनाएं भी हुई थीं। लोकसभा चुनावों के बाद माना यह जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी को इस पूरे क्षेत्र में वोटों का नुकसान जरूर हुआ है। अग्निपथ की प्रक्रिया ने देश के में राजनैतिक पार्टियों के बीच में विभाजन को और गहरा कर दिया है। संसद से लेकर चुनावी भाषणों में सरकार अपनी इस योजना का बचाव करती दिखती है तो वहीं विपक्ष इसका विरोध करता दिखता है।

क्यों जरूरी 50 फीसदी अग्निवीर

अधिकारियों के अनुसार सशस्त्र बल सरकार को प्रस्तावित योजना में पहला संशोधन स्नातकों को शामिल करने के लिए ऊपरी आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 करना है, जिन्हें तीनों सेनाओँ मे तकनीकी नौकरियों के लिए तैयार किया जा सकता है। दूसरा यह कि विशेष क्षेत्रों में मैन पावर की कमी से बचाव के लिए वर्तमान 25 फीसदी की तुलना में 50 फीसदी अग्निवीरों को सेवा में बनाए रखना है।

अधिकारियों ने कहा कि यह बदलाव “युद्ध प्रभावशीलता” को बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं। तीनों सेनाएं पुरानी भर्ती प्रक्रिया के तहत बड़ी संख्या में स्नातकों को शामिल करती थीं। इसमें टेक्निकल पदों के लिए आवेदन करने की आयु सीमा 23 वर्ष थी, जबकि सामान्य ड्यूटी के लिए आयु सीमा 21 वर्ष ही थी। अभी यह लिमिट सभी के लिए केवल साढ़े 17 से 21 साल तक ही है, इसे कम से कम दो साल तक बढ़ाने की जरूरत है। वर्तमान में सरकार केवल इसी साढ़े तीन साल के बीच वाले लोगों को शामिल करती हैं, जिसमें से 25 फीसदी को अगले  15 वर्षों के लिए नियमित सेवा में बनाए रखने का प्रावधान है। 

पुराने लाभों से वंचित अग्निवीर

पुरानी भर्ती प्रणाली के तहत भर्ती किए गए सैनिक पेंशन और अन्य लाभों के साथ 40 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने से पहले लगभग 20 वर्षों तक सेवा करते हैं, जो कि चार साल बाद ही सेवा से रिहा किए गए अग्निवीरों को यह लाभ नहीं मिलते हैं। अधिकारी ने कहा कि केवल 25 फीसदी को रखने और 75 फीसदी को हटाने के कारण मैन पावर में कमी आती है। इस कमी को पूरा करने के लिए 50 फीसदी तक अग्निवीरों को सेना में रिटेन करने की जरूरत है। इस तरह से यह योजना प्रशिक्षित मैनपावर के साथ-साथ सेना के लिए भी और ज्यादा फायदेमंद होगी।

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