[ad_1]
UP Rain: मौसम विभाग ने सोमवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश होने या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने का यलो अलर्ट जारी किया है। मंगलवार और बुधवार को राज्य में हल्की से मध्यम बारिश होने या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान है। गुरुवार 18 जुलाई को पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश हो सकती है। प्रदेश में फिलहाल बाढ़ का खतरा कम हुआ है। उफनाई नदियों का जलस्तर या तो घट रहा है या फिर स्थिर है। फिलहाल, प्रदेश के छह जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जहां नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
शाहजहांपुर में कनौट, गर्रा और रामगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने की वजह से तमाम गांव और मुख्य मार्ग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। दूसरी ओर सीतापुर में गोमती, बलिया में सरयू, आजमगढ़ में घाघरा, हरदोई में गर्रा और मऊ में सरयू खतरे के निशान को पार कर चुकी है। राप्ती, गर्रा और कुआनो का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। राप्ती का पानी 23 सेंटीमीटर बढ़ा है। यह लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यह नदी रविवार को एक मीटर 33 सेंटीमीटर खतरे के निशान के पास पहुंच गई है। सबसे राहत की बात यह है कि सरयू नदी का जलस्तर लगातार तीसरे दिन भी गिरा है। नदी 24 घंटे में 24 सेंटीमीटर घटी है। इसी तरह रोहिन नदी का जलस्तर भी रविवार को 12 सेमी नीचे आया है जबकि एक दिन पहले रोहिन के जलस्तर में 33 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। रोहिन नदी अब खतरे के निशान से केवल दो सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। प्रशासन के मुताबिक गोरखपुर के 45 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। सिंचाई विभाग के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार यमुना नदी का जलस्तर प्रयागराज के नैनी में, गोमती लखनऊ में बढ़ रहा है। हालांकि यह दोनों नदियां अभी खतरे के निशान से नीचे हैं।
सिद्धार्थनगर में दो सौ से ज्यादा गांव बाढ़ प्रभावित
सिद्धार्थनगर जिले में बाढ़ का कहर बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को भी जिले में बहने वाली पांच नदियां राप्ती, बूढ़ी राप्ती, घोघी, तेलार व कूड़ा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इसमें से बूढ़ी राप्ती तो हफ्तेभर से लाल निशान पार कर तबाही मचा रही है। बूढ़ी राप्ती खतरे के निशान से 2.56 मीटर ऊपर बह रही है। नदियों के उफान से दो सौ से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं जबकि 80 गांव डूबे हुए हैं। कई सड़कों पर बाढ़ का पानी तीन से चार फीट ऊपर बह रहा है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। लखीमपुर खीरी में शारदा नदी का पानी घट रहा है। बाराबंकी में घाघरा का जलस्तर फिलहाल स्थिर है। इसी तरह बहराइच, अयोध्या, गोरखपुर, गोंडा में भी नदियों का जलस्तर घट रहा है। बलिया में गंगा, जबकि सिद्धार्थनगर में राप्ती के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। पिछले 10 दिनों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में करीब 12 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है।
11 लोगों को बचाने पर एक लाख का मिला इनाम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रावस्ती में 11 लोगों का रेस्क्यू करने वाले सात लोगों को प्रशस्ति पत्र और एक लाख रुपये का नगद पुरस्कार देने की घोषणा भी की है। राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कुशीनगर में 76 लोगों को बचाया गया । 21,239 से अधिक मवेशियों को भी सुरक्षित स्थान पहुंचाया जा चुका है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 804 बाढ़ शरणालय स्थापित किए गए हैं, जिसमें कुल 1,365 लोग रह रहे हैं। 1178 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं, जिससे लगातार निगरानी की जा रही है। इन क्षेत्रों में 914 नाव चलाई जा रही हैं। यही नहीं, आपदा से प्रभावित लोगों को 23,93,41 से अधिक लंच पैकेट और 7,345 से अधिक खाद्यान्न सामग्री की किट भी वितरित की गयी है। राहत कार्यों के लिए 12 कंपनी एनडीआरएफ, 9 कंपनी एसडीआरएफ, 23 कंपनी पीएसी और एक कंपनी एसएसबी तैनात की गई है।
अम्बेडकरनगर में सर्वाधिक बारिश
रविवार को मानसून की लाइन बीकानेर, नरनौल, दमोली, लखनऊ, डेहरी, बालासोर, रांची होते हुए दक्षिण-पूर्व और पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर चल रही थी। बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश में सबसे अधिक 12 सेंमी बारिश अम्बेडकरनगर के जलालपुर में रिकार्ड की गई। इसके अलावा मिर्जापुर के लालगंज, जौनपुर के केराकत, झांसी के चिल्लाघाट, हमीरपुर, कालपी, जालौन तहसील, हमीरपुर, सहजीना, बस्ती में छह-छह, आजमगढ़ के लालगंज, वाराणसी, गोरखपुर, मुखलिसपुर, गाजीपुर, कालपी और फिरोजाबाद के टूंडला में पांच-पांच से.मी.बारिश रिकार्ड की गई।
[ad_2]