[ad_1]
ऐप पर पढ़ें
पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी है। पाक सरकार ने सोमवार को ऐलान किया कि वे सुप्रीम कोर्ट में पीटीआई को बैन करने की अर्जी लगाएंगे। पाक सूचना प्रसारण मंत्री अट्टा तरार ने आरोप लगाया कि पीटीआई ने देश विरोधी काम किया है। तालिबान को देश के कई इलाकों में घुसाने में इमरान की पार्टी का हाथ है। अब इस पूरे प्रकरण पर इमरान की पार्टी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई है। पार्टी ने पीएम शहबाज को पाकिस्तानी सेना का पालतू कहा और ललकारते हुए कहा कि वह दिन में सपने देख रही है।
पाकिस्तानी सरकार द्वारा प्रतिबंध की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए पीटीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सरकार से आग्रह किया कि वह ‘पाकिस्तान की नींव न हिलाए’। पीटीआई ने शरीफ सरकार को पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर की ‘कठपुतली सरकार’ कहा।
पीटीआई ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “जनरल असीम मुनीर और उनकी कठपुतली सरकार का मूड तहरीक-ए-इंसाफ के जनादेश को वापस धकेलने की तरफ बढ़ रहा है। 8 फरवरी को करोड़ों पाकिस्तानियों ने जो जनादेश दिया, वो इसे पलटना चाहते हैं। वे तहरीक-ए-इंसाफ पर प्रतिबंध लगाने का दिवास्वप्न देख रहे हैं। जनरल असीम मुनीर, ध्यान रखें संविधान के साथ खेलना बंद करो और पाकिस्तान की नींव को और मत हिलाओ।”
पढ़ेंः पाकिस्तान में खत्म होगा विपक्ष! इमरान खान की पार्टी पीटीआई पर बैन की तैयारी; इन आरोपों में ऐक्शन
देश को गृह युद्ध की तरफ धकेलने की कोशिश
पोस्ट में आगे कहा गया, “कोई भी देशभक्त पाकिस्तानी की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय पार्टी पर प्रतिबंध लगाने के बारे में नहीं सोच सकता। ऐसा करना पाकिस्तान की नींव हिलाने और देश को गृहयुद्ध की ओर ले जाने के बराबर है। अपने अहंकार को संतुष्ट करने के लिए देश का नुकसान मत करो।”
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रवक्ता ने अट्टा तरार की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे ‘कुछ सीटों पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले की शर्म को मिटाने का घृणित प्रयास’ बताया। पीटीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जनादेश चोरों और उनके संरक्षकों की हर साजिश को जनता का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली 13 सदस्यीय पीठ ने विशिष्ट सीटों को लेकर सुन्नी यूनिटी काउंसिल की अपील को बहुमत से मंजूरी दे दी है। इस फैसले का सीधा फायदा पीटीआई को हुआ है।
[ad_2]