कोचिंग सेंटर हादसा नहीं होता, MP के छात्र का दावा- एक माह पहले MCD को लिखा था पत्र

कोचिंग सेंटर हादसा नहीं होता, MP के छात्र का दावा- एक माह पहले MCD को लिखा था पत्र

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सिविल सेवा की तैयारी कर रहे ग्वालियर के एक छात्र ने सोमवार को दावा किया कि उसने नयी दिल्ली स्थित राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट के कथित अवैध इस्तेमाल के बारे में एक महीने पहले केंद्र सरकार के पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। उसने यह भी दावा किया कि एमसीडी को भी दो रिमाइंडर भेजे थे लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। दिल्ली में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे 3 स्टूडेंट्स की शनिवार को मौत हो गई।

छात्र किशोर सिंह कुशवाह ने कहा कि जहां संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षाओं के लिए यह प्रसिद्ध कोचिंग सेंटर स्थित है वह इलाका दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकार क्षेत्र में आता है और अगर उसने उनकी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की होती तो विद्यार्थियों की जानें बच सकती थीं।

ग्वालियर में यूपीएससी परीक्षाओं के लिए कोचिंग ले रहे कुशवाह ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्होंने 26 जून को केंद्र सरकार के लोक शिकायत (पीजी) पोर्टल पर राव आईएएस स्टडी सर्किल और राष्ट्रीय राजधानी में अन्य संस्थानों के बेसमेंट से कक्षाएं और पुस्तकालय संचालित किए जाने के बारे में अपनी शिकायत अपलोड की थी।

कुशवाह ने दावा किया कि उन्होंने 15 और 22 जुलाई को दो रिमाइंडर भी भेजे थे लेकिन एमसीडी के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। कुशवाहा ने कहा- मैंने दुखद घटना से लगभग एक महीने पहले केंद्र सरकार के पीजी पोर्टल पर आईएएस कोचिंग सेंटर में बेसमेंट के अवैध उपयोग के खिलाफ शिकायत भेजी थी लेकिन एमसीडी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। मैंने 15 जुलाई के साथ-साथ 22 जुलाई को भी रिमाइंडर भेजे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। 

किशोर सिंह कुशवाह ने कहा कि बेसमेंट केवल भंडारण के लिए होते हैं लेकिन वहां कक्षाएं आयोजित की जाती हैं और अधिकारियों की अनुमति के बिना उनका उपयोग पुस्तकालय के रूप में भी किया जाता है। दिल्ली के पुराने राजेंद्र नगर इलाके में ही नहीं वरन मुखर्जी नगर के साथ-साथ ग्वालियर, कोटा, पटना, इंदौर और जयपुर जैसे अन्य शहरों में भी यही स्थिति है। ये शहर शिक्षा के केंद्र हैं। कोचिंग सेंटर बेसमेंट में लाइब्रेरी चलाते हैं। इससे छात्रों की जान जोखिम में पड़ती है। 

किशोर सिंह कुशवाह ने आरोप लगाया कि ये इमारतें जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं और उन्हें अपने बेसमेंट का उपयोग केवल भंडारण के लिए करने की अनुमति है लेकिन पैसे बचाने के लिए और स्थानीय नगर निकाय के अधिकारियों को रिश्वत देकर उनके मालिक वहां कक्षाएं चलाने की अनुमति प्राप्त कर लेते हैं। मैं केंद्र सरकार और स्थानीय प्रशासन से आग्रह करता हूं कि वे छोटी से छोटी शिकायत का भी संज्ञान लें और उन पर कार्रवाई करें।

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