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देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ बेहद ही संजीदा और संवेदनशील इंसान हैं। यह कई मौकों पर साबित हो चुका है। आज (गुरुवार को) भी एक मामले की सुनवाई के दौरान वह बेहद संवेदनशील दिखे और अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मार्मिक अपील की कि वह इस मामले को गंभीरता से देखें और सरकार की तरफ से उचित मदद दिलाएं।
दरअसल, चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अदालत में जिला अदालत के रिटायर्ड जजों के पेंशन के मामले की सुनवाई हो रही थी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीशों को मिलने वाले सेवानिवृत्ति लाभ और पेशन पर चिंता जताई। CJI ने कहा, “इनमें से कुछ मामले बेहद कठिन हैं, जहां जिला न्यायाधीशों को केवल 15000 रुपये प्रति माह पेंशन मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक मामले में तो एक महिला जज को साल के 96000 यानी प्रति माह सिर्फ 8000 रुपये ही बतौर पेंशन मिल रहा है, जबकि वह कैंसर पीड़ित हैं।”
सीजेआई ने आगे कहा, “जिला न्यायाधीश अब उच्च न्यायालयों में भी आ रहे हैं लेकिन उस वक्त उनकी उम्र आम तौर पर 55- 56 साल होती है। हैं। तब रिटायरमेंट के बाद वे 30000 रुपये प्रति माह की पेंशन पाते हैं। उनका सामाजिक प्रोफ़ाइल देखें, वे आर्बिट्रेशन के मामले नहीं ले सकते। इसलिए मैं आप दोनों (एसजी, एजी) से अनुरोध करता हूं कि इसे विवेकपूर्ण तरीके से देखें।”
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने एक मामले का उल्लेख करते हुए कहा, “एक मामला था, जिसमें एक न्यायिक अधिकारी को उच्च न्यायालय में नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई थी और उन्हें बताया गया था कि जिला न्यायाधीश के रूप में उनके कार्यकाल को पेंशन के लिए काउंट नहीं किया जाएगा, जबकि वह कैंसर से पीड़ित थीं। कृपया इस पर गौर करें।” मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वे अपना पूरा जीवन जिला न्यायपालिका में बिताते हैं और फिर इसी आधार पर उन्हें पेंशन नहीं दी जाती। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। कृपया न्यायपालिका के साथ अलग तरीके से व्यवहार करें। 60 साल के बाद ये रिटायर्ड जज कुछ और करने की स्थिति में भी नहीं रहते।
सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम जिला न्यायपालिकाओं के बतौर संरक्षक होने के नाते आपसे (अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल) अपील करते हैं कि इस मामले में एमिकस क्यूरी के परमेश्वर के साथ बैठकर मुद्दे का हल निकालें। CJI के निर्देश और अपील पर अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अगले सप्ताह तक इस मामले की सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया। अब 27 अगस्त को इस मामले पर सुनवाई होगी। बता दें कि अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर रिटायर्ड जजों की पेंशन का मुद्दा उठाया है।
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