भीड़ आई तो भाग खड़ी हुई बंगाल पुलिस, सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को खूब सुनाया

भीड़ आई तो भाग खड़ी हुई बंगाल पुलिस, सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को खूब सुनाया

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पातल में हुए रेप कांड पर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को जमकर लताड़ लगाई। शीर्ष न्यायालय ने महिला डॉक्टरों की सुरक्षा कथित तौर पर न कर पाने पर बंगाल पुलिस पर भी सवालिया निशान लगाए। कोर्ट ने पूछा कि आखिर पुलिस भाग कैसे गई? 9 अगस्त को सेमीनार हॉल में डॉक्टर का शव मिला था, जिसकी बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी।

मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ने सुओ मोटो केस पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने अस्पताल की सुरक्षा CISF के हाथों में सौंपी है। खबर है कि डॉक्टरों ने पुलिस की तरफ से कथित तौर पर ऐक्शन नहीं लिए जाने पर शिकायत की थी, जिसकी समीक्षा के बाद शीर्ष अदालत ने केंद्रीय बल को कमान सौंपने का फैसला किया है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि पश्चिम बंगाल सरकार को ऐसी स्थिति बनने की संभावनाओं की जानकारी न हो। उन्होंने राज्य से सवाल किया है कि भीड़ का सामना होने पर पुलिस भाग कैसे गई। कोर्ट ने पूछा, ’37 गिरफ्तार किए गए थे और उनकी पहचान CCTV फुटेज से हुई थी। ऐसा नहीं हो सकता कि पश्चिम बंगाल सरकार को जानकारी न हो कि कुछ तत्व अशांति फैला सकते हैं।’

कोर्ट ने कहा, ‘महिला डॉक्टरों को नाम से बुलाया जा रहा था और धमकी दी जा रही थी कि उनका हाल भी मृतका जैसा ही होगा। पुलिस कैसे भाग खड़ी हुई? हमारे पास आई यह कोई सामान्य शिकायत नहीं है। पुलिस क्या कर रही है?’ कोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए एक नेशनल टास्क फोर्स गठित करने का फैसला भी किया है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि महिला डॉक्टरों को भीड़ ने धमकाया भी था। महिला डॉक्टरों का पक्ष रख रहीं वकील ने कहा, ‘महिला डॉक्टरों के माता-पिता उन्हें नहीं भेज रहे हैं, क्योंकि वे सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। डॉक्टरों ने भी बताया है कि पुलिस महिलाओं के चेंजिंग रूम में थी। वहां डॉक्टरों की स्थिति समझने के लिए प्लीज सीलबंद लिफाफा देखें।’

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