क्या गिरने वाले हैं कारों के दाम, डीलरों के सामने बढ़ा संकट, बिक्री घटी

क्या गिरने वाले हैं कारों के दाम, डीलरों के सामने बढ़ा संकट, बिक्री घटी

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कारों बिक्री में गिरावट के बीच ऑटोमोबाइल कंपनियों और डीलरों के सामने नया संकट खड़ा हो गया है। डीलरों के पास कारों का स्टॉक बढ़ रहा है और कंपनियां लगातार उत्पादन क्षमता बढ़ाती जा रही हैं। आम आदमी के नजरिए से देखा जाए तो उससे काफी कारों पर प्रतीक्षा अवधि कम हो गई है और भविष्य में कारों की कीमतों में गिरावट की भी संभावना है, लेकिन यह बड़े संकट का संकेत भी है, जिससे निपटने के लिए कई कंपनियां अपने कुछ मॉडल की तय कीमतों में कटौती पर भी विचार कर रही हैं।

कारों का स्टॉक 67 से 72 दिन हुआ

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) का कहना है कि कारों की बिक्री में तीन से चार फीसद की वृद्धि होने का अनुमान था, लेकिन कंपनियों ने उत्पादन क्षमता को 10 फीसदी तक बढ़ा दिया है। फाडा के सीईओ सहर्ष दमानी कहते हैं कि पहले हमारे पास मांग के अनुमान के आधार पर 30-32 दिन का स्टॉक होता था, लेकिन अब कारों का 67 से 72 दिनों का स्टॉक उपलब्ध है। बीते पांच महीने से स्टॉक बढ़ता जा रहा है लेकिन उसके अनुपात में बिक्री नहीं बढ़ रही है।

सेल घटने की ये है बड़ी वजह

फाडा का कहना है कि कोरोना से पहले कारों की औसत कीमत अगर छह लाख रुपये थी तो वो आज बढ़कर 10 लाख रुपये पहुंच गई है। जिस अनुपात में कारों की कीमतों को बढ़ाया गया है, उस अनुपात में कोरोना के बाद लोगों की आय नहीं बढ़ी है।

75 हजार करोड़ रुपये की कारें स्टॉक में खड़ी

मौजूदा समय में 15 हजार डीलर और उनके 30 हजार आउटलेट से जुड़े गोदामों में करीब सात से सवा सात लाख कारें स्टॉक में हैं। अगर इन कारों की औसत कीमत 10 लाख रुपये मान ली जाए तो भी 70 से 75 हजार करोड़ रुपये की कारें स्टॉक में खड़ी है। ऊपर से ऑटोमोबाइल कंपनियों की तरफ से हर रोज डीलरों को नई कारें उपलब्ध कराई जा रही हैं।

पुरानी की बिक्री में तेजी आई

चार पहिया वाहनों को री-सेल करने वाली कंपनी से जुड़े एक पदाधिकारी कहते हैं कि पुरानी की बिक्री में तेजी आई है। खासकर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई से लेकर अन्य प्रमुख शहरों में सबसे ज्यादा लोग पुरानी कारों को खरीद रहे हैं।

चुनिंदा मॉडल पर ही इंतजार

मारुति, हुंडई से लेकर तमाम कंपनियां कारों की खरीद पर छूट व अन्य तरह के ऑफर दे रही हैं। कारों पर 60 हजार से लेकर ढाई लाख तक की छूट दी जा रही है जो मॉडल और कार के हिसाब से अलग-अलग है। डीलर भी अपना कमीशन कम करके गाड़ियों को निकालने की कोशिश में हैं लेकिन उसके बाद भी पर्याप्त संख्या में ग्राहक नहीं है। कुछ चुनिंदा मॉडल को छोड़ दिया जाए तो सभी मॉडल बिना वेटिंग के उपलब्ध है। वेटिंग की बात करें तो सफेद रंग के ऑटोमैटिक टॉप मॉडल कारों को छोड़ दें तो बाकी किसी पर वेटिंग नहीं है।

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