भारत ने फिर दिखाया अपना बड़ा दिल, अब इन देशों को भेजी जरूरी राहत सामग्री

भारत ने फिर दिखाया अपना बड़ा दिल, अब इन देशों को भेजी जरूरी राहत सामग्री

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भारत ने म्यामांर, लाओस और वियतनाम को एक बड़े तूफान यागी के प्रभाव से निपटने में मदद पहुंचाने के लिए रविवार को ‘सद्भाव’ अभियान के तहत जरूरी राहत सामग्री भेजी। तूफान यागी के कारण इन देशों के विभिन्न हिस्से भयंकर बाढ़ की चपेट में हैं। रिपोर्टों के मुताबिक ‘यागी’ तूफान के कारण चलने वाली हवाओं की तीव्रता बहुत तेज थी। इससे हुई बारिश ने पूरे क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया। तमाम सुरक्षा व्यवस्थाओं और तैयारियों के बावजूद इस तूफान से आम जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।

दक्षिण चीन सागर में उठे इस तूफान के प्रभाव से एक सप्ताह पहले भूस्खलन की घटनाएं हुई जिसके कारण वियतनाम में 170 से अधिक और म्यांमार में लगभग 40 लोगों की जान चली गई।विदेश मंत्रालय ने कहा कि ‘‘अभियान सद्भाव’’ भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के अनुरूप आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन) क्षेत्र में मानवीय सहायता और आपदा राहत में योगदान देने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। भारत ने वियतनाम को 10 लाख अमेरिकी डॉलर और लाओस को एक लाख अमेरिकी डॉलर की मानवीय राहत सहायता भेजी है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भारत ने ‘‘अभियान सद्भाव’’ शुरू किया है। तूफ़ान यागी से प्रभावित लोगों के प्रति अपनी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए भारत म्यांमार, वियतनाम और लाओस को सहायता भेज रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि राशन, कपड़े और दवाइयों समेत 10 टन राहत सामग्री नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा से म्यामां भेजी गयी है। वायुसेना का एक सैन्य मालवाहक विमान 35 टन राहत सामग्री लेकर वियतनाम तथा 10 टन राहत सामग्री लेकर लाओस जा रहा है।

हर देश में भेजी जरूरी राहत सामग्री

सूखा राशन, कपड़े और दवाइयों सहित 10 टन सहायता आज भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा से म्यांमार भेजी गयी, जबकि वायुसेना का विमान वियतनाम के लिए 35 टन सहायता लेकर जा रहा है जिसमें जल शोधन सामग्री, पानी के कंटेनर, कंबल, रसोई के बर्तन, सौर लालटेन शामिल हैं। वहीं लाओस के लिए 10 टन सहायता भेजी जा रही है, जिसमें जेनसेट, जल शुद्धिकरण सामग्री, स्वच्छता सामग्री, मच्छरदानी, कंबल और ‘स्लीपिंग बैग’ शामिल हैं।

कई लोगों ने गंवाई जान,सैंकड़ों अभी लापता

म्यांमार के सरकारी टीवी ने शनिवार को कहा कि यागी के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या कम से कम 74 तक पहुंच गई है जबकि 89 लोग लापता है। म्यांमार लगभग हर साल मानसून के दौरान इस तरह की स्थिति का सामना करता है। 2008 के चक्रवात नरगिस ने म्यांमार में भयंकर तबाही मचाई थी। इसमें 1.38 लाख लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। वियतनाम से सामने आई खबरों के मुताबिक, टाइफून यागी के बाद मरने वालों की संख्या शुक्रवार को 233 हो गई, क्योंकि बचावकर्मियों ने भूस्खलन और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों से अधिक शव बरामद किए

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