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देश में अस्थायी प्रवासियों को बढ़ती संख्या को देखते हुए राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रही कनाडा सरकार ने बुधवार को बड़ी घोषणा की है। कनाडा ने कहा है कि वह 2025 में विदेशी छात्रों की संख्या में और कटौती करेगा। इसके बाद दूसरे देशों से यहां पढ़ने आने वालों की संख्या इस साल के मुकाबले 10 प्रतिशत कम हो जाएगी। एक प्रेस रिलीज में इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) ने कहा कि पढ़ने की परमिट जारी करने की सीमा इस साल के लिए 4,85,000 के लक्ष्य से कम होकर 4,37,000 होगी। 2025 के यह प्रतिबंध 2026 के लिए भी लागू होंगे। कनाडा की सरकार ने अस्थायी विदेशी मजदूरों और शरणार्थी सहित दूसरे श्रेणियों में भी प्रतिबंधों की घोषणा की है।
कनाडा में बढ़ती मंहगाई, घर की बढ़ती कीमतों और स्वास्थ्य और परिवहन जैसी बुनियादी जरूरतों पर दबाव के लिए बाहर से आए लोगों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इसके बाद यह नए प्रतिबंध लगाए गए हैं। कनाडा के इमिग्रेशन, रिफ्यूजी और सिटिजनशिप संबंधित मंत्री मार्क मिलर ने इन नियमों पर बात करते हुए कहा, “सच ये है कि हर कोई जो कनाडा आना चाहता है जरूरी नहीं कि वह आ पाएगा, ठीक उसी तरह जैसे हर कोई जो कनाडा में रहना चाहता है वह नहीं रह सकता। हम अपने अस्थायी निवास योजना को मजबूत करने और आज के बदलते परिदृश्य की मांगों को पूरा करने के लिए यह कदम उठा रहे हैं।”
भारतीयों पर असर
इस फैसले का असर भारतीयों पर सबसे ज्यादा पड़ने की उम्मीद है। छात्रों की बात करे तो भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2022 में कनाडा में 1,83,310 भारतीय पढ़ रहे थे। साल 2022 में कनाडा में कुल 5 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्र आए थे। इनमें से 2,26,450 छात्र भारत से थे यानी कुल अंतरराष्ट्रीय छात्रों में भारतीयों का हिस्सा लगभग 41% था। साल 2023 में करीब 9 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे थे जिनमें से लगभग 40 फ़ीसदी भारतीय थे।
कनाडा के लोग करेंगे समर्थन
यह घोषणा कनाडाई उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए अच्छी खबर नहीं है। ग्लोबल न्यूज़ ने इस महीने की शुरुआत में बताया कि उद्योग समूह और यूनिवर्सिटीज़ कनाडा ने सितंबर में शुरू होने वाले नए सत्र के लिए देश में आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या में 45 प्रतिशत की गिरावट की भविष्यवाणी की है। वहीं एजेंसी एंगस रीड इंस्टीट्यूट द्वारा हाल ही में किए गए सर्वे से यह बात सामने आई है कि सर्वे में शामिल लोगों में से लगभग आधे यानी 48 प्रतिशत लोगों का मानना है कि यह एक अच्छा कदम होगा अगर कनाडा प्रवासियों के लिए अपनी सीमाएं बंद कर दे।”
नतीजे इस साल के आखिर में हो जाएंगे साफ
इन फैसलों का फिलहाल कोई असर नहीं दिख रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी से जून के बीच जारी किए गए स्टडी परमिटों की संख्या 2023 के लिए 2,38,640 से बढ़कर 2,46,580 हो गई। भारत की बात करे तो यह संख्या छह महीने की अवधि के लिए 96,080 से बढ़कर 1,00,355 हो गई। ट्रूडो सरकार द्वारा इमिग्रेशन नीति तैयार करने से पहले, 2015 में जारी किए गए कुल स्टडी परमिट 2,19,035 थे और भारतीयों की संख्या केवल 31,920 थी। कनाडाई अधिकारियों ने कहा है कि नए फैसले के नतीजे इस साल के आखिर में साफ हो जाएंगे।
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