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मंदसौर
सांसद सुधीर गुप्ता ने अवैध रूप से आ रही चाइना लहसुन के आयात पर रोक लगाने और उचित कार्रवाई करने को लेकर मंदसौर, नीमच व रतलाम कलेक्टर से चर्चा की। उन्होंने पुलिस, खाद्य और औषधि अमले को सतर्क रहने को कहा है।
सांसद गुप्ता ने कहा कि मंदसौर संसदीय क्षेत्र सहित आसपास का क्षेत्र लहसुन उत्पादन में अग्रणी है। यहां की कृषि उपज मंडियों, होलसेल और रिटेल सब्जी मंडियों में बड़ी मात्रा में लहसुन की आवक होती है। ऐसे में अमानक चीनी लहसुन का बाजार में आना बड़ा चिंताजनक विषय है। मंदसौर संसदीय क्षेत्र लहसुन उत्पादन के अंदर देश में सबसे अग्रणी है। यहां देश की तमाम मंडियों के साथ-साथ ही विदेशों में भी बड़ी मात्रा में निर्यात किया जाता है। चाइना लहसुन के बाजारों में आने से कृषि उत्पादन में फर्क पड़ेगा। उसके साथ ही व्यापारी वर्ग को भी नुकसान उठाना पड़ेगा। मोदी सरकार ने लगातार भारतीय लहसुन को विश्व में निर्यात करने के लिए भारतीय किसान और व्यापारियों को प्रोत्साहित किया है। सरकार की कठोर रणनीति के कारण ही भारत लहसुन निर्यात में 245 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो 2023 में रिकॉर्ड 30 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई है।
प्रशासन ने चाइनीज लहसुन के खतरे बताएं
क्षेत्र का खाद्य विभाग का अमला कृषि उपज मंडी समितियां व पुलिस प्रशासन अमानक लहसुन को जब्त कर, नष्ट कर, सजा दिलाने, मंडियों या क्रय-विक्रय के प्रत्येक क्षेत्र में अमानक लहसुन हटाने की कोशिश करता रहे। स्वास्थ्य पर विपरीत असर नहीं हो इसलिए प्रचार करें।
विदेशों में बढ़ा भारतीय लहसुन पर भरोसा
चाइना की लहसुन में उत्पादन बढ़ाने के लिए मेटल, लेड, क्लोरिन जैसे घटक अमानक केमिकल का उपयोग करके मनुष्य की जान लेने जैसे गंभीर अपराध हो रहे हैं। अमेरिकी सीनेटर ने अपने एक पत्र में विदेश में उगे लहसुन की गुणवत्ता को लेकर जनता के स्वास्थ्य के प्रति चिंता जाहिर की है। यह गंभीर विषय है, जिसका सीधा इशारा खास तौर पर कम्युनिस्ट चीन में उगाई गई लहसुन को बताया है। भारत के किसान घातक रसायनों का उपयोग उत्पादन बढ़ाने के लिए नहीं करते हैं, जिससे विदेशों का भारतीय लहसुन पर भरोसा बढ़ा है।
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