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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति लड्डू विवाद पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी मंदिरों में जल्द ही ‘सफाई प्रक्रिया’ शुरू की जाएगी। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, नायडू ने तेलुगु देशम पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए यह घोषणा की। साथ ही, उन्होंने धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहराई। उन्होंने कहा कि तिरुपति लड्डुओं में पशु चर्बी की मिलावट के आरोपों के बाद सरकार भावी कदम के बारे में संतों, पुजारियों और हिंदू धर्म के अन्य शीर्ष विशेषज्ञों से परामर्श करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परामर्श के बाद सरकार तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के संबंध में अपना निर्णय लेगी, जो तिरुपति स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का आधिकारिक संरक्षक है। दरअसल, हाल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के विधायक दल की बैठक के दौरान सीएम नायडू ने बड़ा दावा किया था। उन्होंने कहा कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने श्री वेंकेटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और अपने अनोखे स्वाद के लिए चर्चित लोकप्रिय तिरुपति लड्डुओं को बनाने में घटिया सामग्री व पशु चर्बी का इस्तेमाल किया।
‘320 रुपये प्रति किलो से भी कम में घी कैसे खरीदा’
तिरुपति लड्डू की अद्वितीय महिमा पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कई लोगों ने बेहतर प्रसाद बनाने की चेष्टा की, लेकिन वे उसमें विफल रहे। नायडू ने कहा, ‘अयोध्या में भी उन्होंने बिलकुल तिरुमाला जैसा लड्डू बनाने की कोशिश की और उसके लिए कारीगरों को भी यहां से ले जाया गया मगर वह नहीं हो पाया। अयोध्या के लोगों ने मुझे इस मामले के बारे में बताया।’ पशु चर्बी के आरोपों और लड्डुओं में इस्तेमाल घी पर एनडीडीबी प्रयोगशाला की रिपोर्ट का खंडन करने के लिए वाईएस जगन मोहन रेड्डी की उन्होंने आलोचना की। टीडीपी चीफ ने सवाल किया कि 320 रुपये प्रति किलोग्राम से भी कम कीमत पर गाय का घी कैसे खरीदा जा सकता है?
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