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भारत में अमीर लोगों को नफरत की नजर से क्यों देखा जाता है? ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म जेरोधा के को-फाउंडर (Zerodha Co-Founder) नितिन कामथ (Nithin Kamath) ने इस सवाल का जवाब दिया है। कामथ ने कहा कि हम समाजवादी-पूंजीवादी होने का दिखावा करने वाला समाज हैं। जब तक अमीर और गरीब के बीच असमानताएं रहेंगी, हालात में सुधार नहीं होने वाला है।
किस बात पर दी प्रतिक्रिया
दरअसल, बेंगलुरु में टेकस्पार्क्स 2024 कार्यक्रम के दौरान नितिन कामथ से योरस्टोरी की संस्थापक श्रद्धा शर्मा ने यह सवाल पूछा था। उन्होंने अमीर लोगों के साथ व्यवहार के मामले में भारतीयों और अमेरिकियों के बीच अंतर का जिक्र किया था। श्रद्धा शर्मा ने कहा- अमेरिका में अगर कोई बहुत पैसा कमाता है, अगर वह बहुत सफल है और नई कारें खरीदता है, तो यह कवर पेज पर आता है। वहां यह सबकुछ बहुत सामान्य है। एक समाज के रूप में भी वहां अमीर लोगों को नीची दृष्टि से नहीं देखते हैं। दूसरी ओर भारत में जब कोई पैसा कमाता है तो लोग बहुत आलोचनात्मक होते हैं। हमें लगता है कि इसमें कुछ तो गलत होगा।
क्या बोले नितिन कामथ
श्रद्धा शर्मा की इस बात से 44 वर्षीय नितिन कामथ सहमत हुए। अरबपति कामथ ने भारत में बड़े पैमाने पर आर्थिक असमानता को स्वीकार किया। इसके साथ ही उन्होंने भारत की समाजवादी मानसिकता की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा- अमेरिका शुद्ध पूंजीवादी समाज है। हम एक समाजवादी-पूंजीवादी होने का दिखावा करने वाला समाज हैं। जब कामथ से पूछा गया कि क्या सुधार संभव है। इस पर उन्होंने कहा कि इसकी संभावना नहीं है। जब तक आर्थिक तौर पर असमानता रहेगी, मुझे कुछ भी बदलता नहीं दिख रहा है।
बता दें कि इसी साल जनवरी में नितिन कामथ को स्ट्रोक का सामना करना पड़ा था। इसके करीब नौ महीने बाद वह पहली बार किसी कार्यक्रम में नजर आए। बहरहाल, अमीरों के प्रति समाज के व्यवहार पर उनकी स्पष्ट टिप्पणियों ने सोशल मीडिया पर व्यापक बहस छेड़ दी है। सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
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