महाकाल की तरह अचलेश्वर मंदिर पर शुरू हुआ प्रसाद काउंटर

महाकाल की तरह अचलेश्वर मंदिर पर शुरू हुआ प्रसाद काउंटर

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प्रसाद में मिलावट व शुद्धता को लेकर चल रहा है विवाद

मंदिर परिसर में मिलने वाले प्रसाद में मिलावट की शिकायतें निरंतर सामने आ रहीं थी। पिछले माह खाद्य विभाग की टीम ने जौरासी पर स्थित अष्टमहालक्ष्मी मंदिर परिसर के बाहर मिलने वाले प्रसाद के सेंपल भी लिए थे। इसके बाद महालक्ष्मी मंदिर के ट्रस्ट ने खोआ व बेसन से बने प्रसाद चढ़ाने पर रोक लगा दी है। मंदिर में केवल सूखे मेवे व नारियल का भोग लगाया जा सकता है।

परिसर में बनवाया जा रहा प्रसाद

अब मंदिर परिसर में ही शुद्ध देसी घी के बेसन के लड्डू बनवाकर श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराना गुरुवार की शाम से शुरु कर दिया है।शुरुआत में प्रसाद के लिए ब्रांडेड कंपनी के शुद्ध घी का उपयोग किया जा रहा है और दानाओली के हलवाई से इसका निर्माण नटराज सभागार के ऊपर अपनी निगरानी कराया जा रहा है। मंदिर के प्रसाद के श्रद्धालु काफी पसंद कर रहे हैं।

प्रयोगतौर पर ढाई सौ ग्राम व आधा किलो डिब्बे तैयार कराये हैं

मंदिर संचालन समिति ने प्रयोग के तौर पहले दिन बेसन के लड्डू के आधी किलो व ढाई सौ ग्राम के पैकेट बनवाये हैं। मंदिर से उपलब्ध लड्डू 400 रुपये किलो में दिये जा रहे हैं।

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