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मध्य प्रदेश के जबलपुर में गरबा आयोजन में समुदाय विशेष के लोगों को एंट्री देने का आरोप लगाते हुए कुछ हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने शनिवार देर रात को जमकर हंगामा किया। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि गरबा पांडाल में अश्लील और फूहड़ फिल्मी गीतों पर गरबा कराया जा रहा है। यही नहीं गरबा पंडाल के बाहर विशेष वर्ग समुदाय के बाउंसर को लगाया गया है, जो आयोजन में समुदाय विशेष के लोगों को एंट्री दे रहे हैं। हंगामे के दौरान दोनों पक्षों में काफी देर तक धक्का-मुक्की होती रही। घटना की सूचना मिलते ही कई थानों की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला।
जबलपुर शहर के जसूजा सिटी के धनवंतरी नगर इलाके के जाबाली पैलेस होटल में शनिवार रात गरबे का आयोजन चल रहा था। इस दौरान हिन्दूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं को किसी ने सूचना दी कि कुछ लोग बिना आधार कार्ड और जानकारी के गरबा पंडाल में घुसे हैं। यही नहीं पंडाल में विशेष समुदाय के लोगों को बाउंसर के रूप में तैनात किया गया है। ऐसा आरोप लगाते हुए हिन्दूवादी संगठनों के कार्यकर्ता गरबे के आयोजन को रोकने के लिए अड़ गए।
कार्यकर्ता धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए आयोजकों पर FIR दर्ज करने की मांग करने लगे। काफी देर तक हंगामा चलता रहा। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने गरबा आयोजक से इसकी जानकारी मांगी तो उनकी जमकर बहस शुरू हो गई। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने हंगामा करना शुरू किया। घटना की जानकारी लगने पर संजीवनी नगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। कार्यकर्ताओं ने सवाल किया कि आयोजन में विशेष समुदाय के लोगों को बाउंसर क्यों लगाया गया है।
वहीं विश्व हिन्दू परिषद के प्रचार प्रमुख सुमित सिंह ठाकुर ने बताया कि जसूजा सिटी में हो रहे गरबे में विशेष समुदाय के लोगों को बिना किसी जानकारी के एंट्री दी जा रही है। अश्लील और फूहड़ फिल्मी गीतों पर गरबा कराया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि गरबा पंडाल में पुलिस के तैनात होने के बावजूद विशेष वर्ग के लोग अंदर कैसे चले गए। आयोजकों की ओर से प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है।
सीएसपी देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कार्यकर्ता गरबे में अश्लील गाने बजाए जाने का आरोप लगा रहे थे। उनका कहना था कि अन्य धर्म के असामाजिक तत्व पांडाल में जा रहे हैं। बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं ने गरबा आयोजन में घुसने की कोशिश की। इन लोगों को रोका गया। कार्यकर्ताओं के आरोपों की जांच की गई तो ऐसा कुछ नहीं पाया गया। पुलिस टीम ने समझाइश देकर हंगामे को शांत कराया।
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