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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की सुरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी किसी देश पर घृणा या द्वेष के कारण आक्रमण नहीं किया, लेकिन अगर इसके हितों को खतरा हुआ तो हम बड़ा कदम उठाने में संकोच नहीं करेंगे। विजयादशमी के अवसर पर सिंह ने पश्चिम बंगाल के सुकना सैन्य स्टेशन पर शस्त्र पूजा की। उन्होंने कहा कि यह अनुष्ठान एक स्पष्ट संकेत है कि अगर आवश्यकता हुई तो हथियारों व उपकरणों का पूरी ताकत से उपयोग किया जाएगा। सुकना स्थित 33 कोर को त्रिशक्ति कोर के नाम से जाना जाता है। यह सिक्किम सेक्टर में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है।
रक्षा मंत्रालय ने बयान में सिंह के हवाले से कहा, ‘भारत ने कभी भी किसी देश पर घृणा या बुरी नीयत से हमला नहीं किया। हम तभी लड़ते हैं जब कोई हमारी अखंडता और संप्रभुता का अपमान करता है या उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है। जब धर्म, सत्य और मानवीय मूल्यों के विरूद्ध युद्ध छेड़ा जाता है, यही हमें विरासत में मिला है। हम इस विरासत को संरक्षित करना जारी रखेंगे।’ उन्होंने कहा कि अगर हमारे हितों को खतरा है तो हम बड़ा कदम उठाने में संकोच नहीं करेंगे। शस्त्र पूजा एक स्पष्ट संकेत है कि अगर आवश्यकता हुई तो हथियारों, उपकरणों का पूरी ताकत से उपयोग किया जाएगा।
‘हथियारों के प्रति सम्मान का प्रतीक’
इससे पहले रक्षा मंत्री ने एक्स पर इस अनुष्ठान की तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने लिखा, ‘भारत में विजयादशमी के अवसर पर शस्त्र पूजन की बड़ी पुरानी परंपरा रही है। आज सुकना, दार्जिलिंग में 33 कोर हेडक्वार्टरस में की शस्त्र पूजा।’ विजया दशमी नवरात्र के समापन का प्रतीक है और इसे दशहरा के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सेना में यह महत्वपूर्ण समारोह (शस्त्र पूजा) राष्ट्र की संप्रभुता के रक्षक के रूप में हथियारों के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
इस कार्यक्रम में थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, मनोनीत रक्षा सचिव आरके सिंह, पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राम चंद्र तिवारी, सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन, त्रिशक्ति कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल जुबिन ए मिनवाला और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। रक्षा मंत्री ने कलश पूजा के साथ अनुष्ठान की शुरुआत की, जिसके बाद शस्त्र पूजा और वाहन पूजा की गई। सिंह ने सुकना सैन्य स्टेशन पर सैनिकों से भी बातचीत की।
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