सब नोटिस पर, भारतीय डिप्लोमेट्स पर कनाडा की गीदड़-भभकी; क्या बोलीं विदेश मंत्री

सब नोटिस पर, भारतीय डिप्लोमेट्स पर कनाडा की गीदड़-भभकी; क्या बोलीं विदेश मंत्री


कनाडा ने भारतीय डिप्लोमेट्स को लेकर एक बार फिर गीदड़-भभकी दी है। कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा है अब जो भारतीय डिप्लोमेट्स कनाडा में रह गए हैं, वह भी नोटिस पर हैं। खालिस्तानी निज्जर की हत्या को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। भारत ने कनाडा से अपने राजदूत समेत छह डिप्लोमेट्स को वापस बुला लिया है। वहीं, कनाडा का दावा है कि उसने इन लोगों को निकाला है। इन सबके बीच कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली का नया बयान सामने आया है।

मेलानी से पूछा गया था कि क्या दूसरे भारतीय डिप्लोमेट्स को भी निकाला जाएगा। इस पर उन्होंने कहाकि स्पष्ट रूप से वह सभी नोटिस पर हैं। उन्होंने कहाकि ओट्टावा में हाई कमिश्नर समेत छह को बाहर निकाला जा चुका है। अन्य टोरंटो और वैंकूवर से थे। मेलानी ने कहाकि हम ऐसे किसी भी राजनयिक को बर्दाश्त नहीं करेंगे जो वियना संधि का उल्लंघन कर रहे हैं। जॉली का यह बयान रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस के उस आरोप के बाद आया है, जिसमें उसने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय राजनयिकों के शामिल होने की बात कही थी। हरदीप सिंह निज्जर एक खालिस्तानी आतंकी था और पिछले साल ब्रिटिश कोलंबिया में मार गिराया गया।

कनाडाई विदेश मंत्री ने कहाकि हमने अपने इतिहास में कभी ऐसा नहीं देखा। कनाडा की धरती पर कभी ऐसा देश विरोधी कृत्य नहीं हुआ। उन्होंने कहाकि हमने तो अभी ऐसा यूरोप में होते देखा था। रूस ने जर्मनी और ब्रिटेन में ऐसा किया था। हमें इस मुद्दे पर अडिग रहने की जरूरत है। कनाडाई पुलिस का आरोप है कि कनाडा में काम कर रहे भारतीय राजनयिकों ने भारतीय अधिकारियों के साथ सिख कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी साझा की है, जिन्होंने इसे संगठित अपराध समूहों को सौंप दिया है। कनाडाई अधिकारियों ने इन समूहों को जबरन वसूली, ड्राइव-बाय शूटिंग और निज्जर सहित खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं की हत्या से जोड़ा गया है।

भारत ने आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें बेतुका बताया। जवाबी कार्रवाई करते हुए नई दिल्ली में कार्यवाहक उच्चायुक्त समेत कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इन दावों को खारिज करते हुए कनाडा पर भारत में आतंकवाद संबंधी आरोपों के लिए वांटेड लोगों को शरण देने का आरोप लगाया। जायसवाल ने भारत द्वारा दायर 26 प्रत्यर्पण अनुरोधों की ओर इशारा करते हुए कहाकि यह अजीब है कि जिन लोगों को हमने कनाडा को प्रत्यर्पित करने के लिए कहा था, वे अब कनाडा में अपराधों के आरोपी बन रहे हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि कनाडा ने आतंकवाद से जुड़े कई व्यक्तियों के लिए अनंतिम गिरफ्तारी अनुरोधों पर कार्रवाई नहीं की थी।