नारायण मूर्ति ने रतन टाटा को बताया करुणा से भरा बिजनेसमैन, सुनाया 1999 का रोचक किस्सा

नारायण मूर्ति ने रतन टाटा को बताया करुणा से भरा बिजनेसमैन, सुनाया 1999 का रोचक किस्सा


रतन टाटा (Ratan Tata) के देहांत के बाद हर कोई उन्हें और टाटा समूह (Tata Group) की ऐतिहासिल विरासत के योगदान को याद और तारीफ कर रहा है। इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान एक घटना का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि एक बार उनकी पत्नी सुधा मूर्ति अंधेरे में टैक्सी का इंतजार कर रही थी। तब जेआरडी टाटा ने उन्हें सलाह दी, “यंग मैन, भविष्य में अपनी पत्नी को अंधेरे में इंतजार ना करवाएं।” नारायण मूर्ति ने कहा कि ये घटना बताती है कि व्यक्ति के प्रति गहरे करुणा और सम्मान टाटा के मूल्यों को दर्शाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यही टाटा की महानता है कि वो कैसे व्यक्तियों का सम्मान का करते हैं। बता दें, यह कार्यक्रम रतन टाटा की याद में आयोजित किया गया था।

रतन टाटा को याद करते हुए नारायण मूर्ति ने कही ये बात

नारायण मूर्ति ने रतन टाटा को याद करते हुए कहा कि वो अपने कर्मचारियों और गरीब लोगों का विशेष ध्यान देते थे। उन्होंने कहा, “वो करुणा से भरे एक इंसान थे।” नारायण मूर्ति ने रतन टाटा का समाज के प्रति समर्पण को याद करते हुए कहा, “उन्हें विश्वास था कि हम भारतीय अपनी कार बना सकते हैं।” उन्होंने नैनो की लॉन्चिंग का उदाहरण देते हुए टाटा का समाज के प्रति योगदान को याद किया।

जब नारायण मूर्ति ने अपनी बेटी को रतन टाटा से मिलवाया

1999 में नारायण मूर्ति ने अपनी बेटी को रतन टाटा से मिलवाया था। उस घटना को याद करते हुए नारायण मूर्ति ने बताया कि एक घंटे की मीटिंग 3 घंटे तक चली। इस दौरान उन्होंने लीडरशिप के मूल्यों का समझाया। मूर्ति ने कहा, “उस मीटिंग ने मेरी बेटी के साथ-साथ मुझे और सुधा को भी लीडरशिप के सबक मिले।”

करुणा से भरे बिजनेसमैन

नारायम मूर्ति ने कहा कि रतन टाटा करुणा से भरे बिजनेसमैन थे। उनका स्वभाव सभी को सीख देता है।