MP में 2 सीट की लड़ाई, क्यों कांग्रेस और भाजपा के लिए ‘इज्जत का सवाल’

MP में 2 सीट की लड़ाई, क्यों कांग्रेस और भाजपा के लिए ‘इज्जत का सवाल’


मध्य प्रदेश में भले ही दो विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहा है। लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए यह ‘इज्जत का सवाल’ है। बुधनी सीट पर जीत हासिल करके जहां भाजपा इस किले को बचाए रखना चाहेगी तो वहीं कांग्रेस विजयपुर सीट पर कब्जा जमाने के लिए पूरा दमखम लगा रही है। बुधनी और विजयपुर के लिए दोनों दलों ने अपने उम्मीदवारों का भी ऐलान कर दिया है। सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा क्षेत्र से अब तक राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधायक थे। लोकसभा चुनाव में उनके विदिशा संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने जाने के बाद चौहान ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद ही इस सीट के रिक्त होने के कारण यहां उपचुनाव हो रहा है। वहीं, विजयपुर में कांग्रेस विधायक के भाजपा में चले जाने से उपचुनाव की नौबत आई है।

बुधनी से भाजपा ने इस बार चौहान के कट्टर समर्थक माने जाने वाले विदिशा के पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को प्रत्याशी बनाया है। वे पिछले लोकसभा चुनाव में विदिशा सांसद थे। इस लोकसभा चुनाव में उनके स्थान पर पार्टी ने विदिशा से चौहान को प्रत्याशी बनाया। इसके बाद अब उन्हें चौहान की परंपरागत सीट से विधानसभा का टिकट दे दिया गया है। वहीं कांग्रेस ने कल देर रात इस सीट से अपने प्रत्याशी का नाम सार्वजनिक किया। पार्टी ने यहां से पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है।

पटेल इसके पहले भी इस सीट से विधायक रह चुके हैं। समझा जा रहा है कि भाजपा की ओर से भार्गव को चुनावी मैदान में उतारने के बाद पटेल की यहां से दावेदारी मजबूत हुई क्योंकि ये चौहान के दबदबे वाला क्षेत्र है। चौहान किरार समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं और पटेल भी इसी समाज के सदस्य हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस ने जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए यहां से पटेल पर दांव खेला है।

श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से भाजपा की ओर से रामनिवास रावत का मुकाबला कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा से होगा। रावत इस सीट से लंबे समय से कांग्रेस के विधायक रहे हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद उन्हें डॉ मोहन यादव सरकार मे कैबिनेट मंत्री बनाया गया। उनके विधानसभा से त्यागपत्र देने के कारण ही यहां उपचुनाव हो रहा है।

कांग्रेस अब इस पूरे आदिवासीबहुल क्षेत्र में रावत पर कांग्रेस को धोखा देने का आरोप लगाते हुए आक्रामक चुनाव प्रचार में जुटी हुई है। इसी के चलते कांग्रेस ने अपने आदिवासी चेहरे मुकेश मल्होत्रा को यहां से चुनावी मैदान में उतारा है, जिनका सामना रावत से हो रहा है। मल्होत्रा की आदिवासियों की बीच खासी पैठ मानी जाती है और वे वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में थे और तीसरे नंबर पर रहे थे। इन दोनों ही क्षेत्रों में नामांकनपत्र दाखिले का कार्य प्रारंभ हो गया है। मतदान 13 नवंबर को होगा और नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे।