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रतलाम के सीएम राइज विनोबा स्कूल ने विश्व के 100 देशों में पहले स्थान पर आकर शिक्षा पुरस्कार जीता है। टी फॉर एजुकेशन द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में स्कूल की सामुदायिक सहभागिता, पर्यावरणीय सक्रियता और नवाचार को सराहा गया। उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर की नेतृत्व में इस सफलता हासिल की गई।
रतलाम के शासकीय सीएम राइज विनोबा स्कूल ने पहली बार देश ही नहीं विश्व के 100 देशों के स्कूलों में पहला स्थान बनाया है। उसको यह स्थान इनोवेशन कैटेगरी में मिला है। यूएसए की प्रतिष्ठित संस्था-टी फॉर एजुकेशन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित शिक्षा पुरस्कारों के लिए हर साल प्रतियोगिता आयोजित करती है।
संस्था सामुदायिक सहभागिता, पर्यावरणीय सक्रियता, रचनात्मकता, विपरीत परिस्थितियों में सफलता और स्वस्थ कार्य शैली में इस पुरस्कार लिए स्कूलों को चुनता है। वर्ल्डस बेस्ट स्कूल प्राइस 2024 की इनोवेशन कैटेगरी में सीएम राइज विनोबा स्कूल को पहले स्थान के लिए चयनित किया है।
दरअसल, टीचर्स प्रोफेशनल डेवलपमेंट के अंतर्गत साइकिल ऑफ ग्रोथ के माध्यम से शिक्षक को बदलाव के वाहक के रूप में लाया गया। इससे शासकीय स्कूल के शिक्षकों के बारे में बनाई गई नकारात्मक धारणा को तोड़ने में सफलता मिली।
स्कूल में जायफूल लर्निंग से विद्यार्थियों और पालकों को जोड़ने से उपस्थिति और दक्षता में वृद्धि हुई। कक्षा 1 से 12 तक अंग्रेजी और हिंदी माध्यम में संचालित होने वाले विनोबा स्कूल में 650 विद्यार्थी हैं। इनमें से 90 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी किसी ने किसी स्तर पर गतिविधि से साल भर जुड़े रहते हैं।
यह है साइकिल ऑफ ग्रोथ
दो साल पहले विनोबा स्कूल में पदस्थापन पर उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर ने स्कूल में विद्यार्थियों की कम उपस्थिति को लेकर वरिष्ठ शिक्षकों के साथ मिलकर साइकिल ऑफ ग्रोथ मेकैनिज्म को प्लान किया। इसमें टीचर्स के प्रोफेशनल डेवलपमेंट के लिए टीम हर्डल और कैप्सूल ट्रेनिंग, क्लासरूम मानीटरिंग, वन ऑन वन फीडबैक, रीवार्ड एंड रिकगनाईजेशन की नवाचारी सकारात्मक चक्रीय योजना बनाई।
इस योजना में विनोबा मॉडल ऑफ पेरेंटल एंगेजमेंट, कम्युनिटी एसए लर्निंग रिसोर्स, इनोवेटिव आइडिया आफ ट्रैकिंग डाटा आदि कई नवाचार शिक्षकों के माध्यम से जुड़ते गए। उत्साह के वातावरण में विद्यालय में सहजता से सीखने का वातावरण बना।
स्कूल लीडरशीप टीम में प्राचार्य संध्या वोरा, उप प्राचार्य राठौर, प्रधान अध्यापक अनिल मिश्रा, सीमा चौहान, हीना शाह सहित अन्य शिक्षकों ने इस अवधारणा को नियमितता दी।
इस तरह हुआ चयन
टी फॉर एजुकेशन द्वारा दुनिया भर के स्कूल से फरवरी 2024 तक विभिन्न श्रेणी में विस्तृत आवेदन मांगे गए थे। हजारों आवेदनों में से शॉर्ट लिस्ट स्कूल के रूप में स्कूल के उप प्राचार्य और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक गजेंद्र सिंह राठौर का स्कूल लीडर के रूप में इनोवेशन श्रेणी में चयन हुआ।
इसके बाद अंतरराष्ट्रीय शिक्षाविदों द्वारा एक घंटे का ऑनलाइन इंटरव्यू लिया गया। यहां से दोबारा चयनित होने पर दस्तावेज आधारित मूल्यांकन किया गया।
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