कापियों का डिजिटल मूल्यांकन कराएगा उच्च शिक्षा विभाग, 20 दिन में परिणाम

कापियों का डिजिटल मूल्यांकन कराएगा उच्च शिक्षा विभाग, 20 दिन में परिणाम

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प्रदेश के दूसरे राज्य विश्वविद्यालयों को भी तब तक डिजिटल मूल्यांकन की अपनी प्रणाली विकसित कर लेनी है। प्रदेश में आठ राज्य विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध 1323 महाविद्यालयों में करीब 14 लाख विद्यार्थी हर साल परीक्षाओं में बैठते हैं।

राज्य विश्वविद्यालयों में परीक्षा और उसका परिणाम जारी करने में देरी को रोकने के लिए उच्च शिक्षा विभाग तकनीक की मदद लेने जा रहा है। विभाग ने विश्वविद्यालय परीक्षाओं की कापियों का डिजिटल मूल्यांकन कराने की योजना बनाई है। कहा जा रहा है कि इस प्रक्रिया से मूल्यांकन का काम 15 दिन में पूरा हो जाएगा, 20 दिन में परिणाम जारी किए जा सकते हैं।

उच्च शिक्षा विभाग ने पिछले सत्र में इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एक छोटी परीक्षा में डिजिटल मूल्यांकन का प्रयोग किया था। परिणाम आशा के अनुरूप आए तो सभी विश्वविद्यालयों को इसका प्रस्ताव तैयार करने को कह दिया गया है। इस साल डिजिटल मूल्यांकन प्रक्रिया की शुरुआत भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से होनी है। यहां करीब तीन हजार विद्यार्थियों की कापी जांची जाएगी।

अगले सत्र से इसका विस्तार संबद्ध महाविद्यालयों की परीक्षाओं तक हो जाएगा। प्रदेश के दूसरे राज्य विश्वविद्यालयों को भी तब तक डिजिटल मूल्यांकन की अपनी प्रणाली विकसित कर लेनी है। प्रदेश में आठ राज्य विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध 1323 महाविद्यालयों में करीब 14 लाख विद्यार्थी हर साल परीक्षाओं में बैठते हैं।

कापी को स्कैन कर परीक्षक को भेजेंगे

डिजिटल मूल्यांकन प्रक्रिया के तहत सभी परीक्षा केंद्रों से कापियां निर्धारित केंद्र पर जमा कराई जाएंगी। वहां कापियों को स्कैन कर एक साफ्टवेयर पर अपलोड किया जाएगा। परीक्षकों को इसी साफ्टवेयर पर पंजीकृत कर उनको लागइन, पासवर्ड जारी किया जाएगा। उसी से परीक्षक कापियों को खोल पाएंगे। इस सिस्टम में परीक्षक को यह जानकारी नहीं मिलेगी कि उत्तरपुस्तिका किस जिले, कालेज अथवा परीक्षार्थी की है। मूल्यांकन के साथ ही पत्रक पर अंक भी चढ़ा दिए जाएंगे।

अभी ऐसी है मूल्यांकन की प्रक्रिया

परीक्षा केंद्रों से उत्तर पुस्तिका विश्वविद्यालय आती हैं। विश्वविद्यालय की गोपनीय शाखा में बंडल तैयार होते हैं। ये बंडल दूसरे जिले के सरकारी कालेजों में बने नोडल सेंटर पर भेजे जाते हैं। यहां से मूल्यांकनकर्ता को दी जाती हैं। जांचने के बाद शिक्षक वापस उसी नोडल सेंटर पर जमा करते हैं। मूल्यांकन होने पर नोडल सेंटर विवि को भेजते हैं। विवि में विषयवार एकत्रित कर रिजल्ट तैयार करने के लिए कंप्यूटर सेंटर भेजी जाती है। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग दो से तीन महीने का समय लगता है।

इनका कहना है

-बीयू के यूटीडी से डिजिटल मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए विवि में 300 कंप्यूटर का आइटी सेंटर बनवाया जा रहा है। उत्तरपुस्तिकाओं को स्कैन कर मूल्यांकनकर्ता को दी जाएगी। आइके मंसूरी, कुलसचिव, बीयू–

-सभी विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाओं का डिजिटल मूल्यांकन कराया जाएगा। सबसे पहले बीयू से इसकी शुरुआत होगी।-अनुपम राजन, प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा–

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