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धनतेरस के दिन इंदौर का बाजार दमक उठा, लोगों ने यहां जमकर खरीदारी की। सुबह से लेकर रात तक बाजारों में लोगों की भीड़ लगी रही। सराफा बाजार, बर्तन बाजार, इलेक्ट्रिानिक शोरूम और कपड़ों की दुकानों में भी जमकर खरीदारी हुई।
इंदौर में नए वाहन लेकर मंदिर में पूजन करवाने पहुंचे लोग।
मध्य प्रदेश की आर्थिक नगरी इंदौर मंगलवार को कुबेरपुर बनकर दमकी। दीपावली से पूर्व खरीदी के सबसे बड़े दिन धनतेरस पर बाजारों में जमकर धनवर्षा हुई। उल्लास से त्योहार मनाते हुए संपन्नता की कामना के साथ लोगों ने खूब खरीदी की। सोना-चांदी के साथ गाड़ियों के शोरूमों में कतारें दिखी।
इलेक्ट्रानिक शोरूमों से लेकर बर्तन बाजार में भी खरीदारों की भीड़ रही। रेडीमेड गारमेंट से लेकर ड्रायफ्रूट के गिफ्ट बाक्स तक की दुकानें सूरज उगने से लेकर चांद चमकने तक ग्राहकों से गुलजार रहीं। इन सब सेगमेंट में धनतेरस पर बिक्री का कुल आंकड़ा करीब 750 करोड़ रुपये आंका जा रहा है।
एक ही दिन में एक हजार करोड़ से ज्यादा का कारोबार
इसमें अचल संपत्ति को भी शामिल कर लिया जाए तो एक ही दिन में एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार करने वाला शहर बनता दिखा इंदौर। बिक्री के लिहाज से आटोमोबाइल सेक्टर यानी वाहनों का बाजार सबसे आगे रहा।
आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आदित्य कासलीवाल के अनुसार करीब 2800 कारें और 6500 दोपहिया वाहनों की डिलीवरी धनतेरस पर दी गई। औसत दामों के आधार पर अनुमान लगाया जाए तो कुल करीब 425 करोड़ रुपये वाहनों की खरीद पर इंदौर में खर्च किए गए हैं।
गहनों के बाजारा में 200 करोड़ का कारोबार
इसके साथ सोना-चांदी व गहनों के बाजार में 200 करोड़ के कारोबार का अनुमान है। चांदी-सोना जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन के मंत्री अविनाश शास्त्री के अनुसार दाम बढ़ रहे हैं लेकिन लोगों को उसी अनुपात में रिटर्न भी मिलता दिख रहा है।
ऐसे में लोग बजट बनाकर आए। संपत्ति के बाजार में भी धनवर्षा हुई। पंजीयन कार्यालय के अनुसार दिनभर में 950 अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री हुई। इंदौर में औसत संपत्ति का मूल्य 35 लाख भी आंका जाए तो संपत्ति की बिक्री 332 करोड़ के पार रही।
मालवा-निमाड़ के बाजार रहे गुलजार
अंचल में दीपोत्सव की चमकदार शुरुआत हुई। पर्व के पहले दिन धनतेरस पर बाजार दमका तो देवी महालक्ष्मी के मंदिरों में भीड़ रही। बाजार में खरीदारी हुई तो व्यापारियों के भी चेहरे खिल उठे। सुबह से शुरू हुआ खरीदी का माहौल शाम तक एक जैसा बना रहा। तोरण और वंदनवारों से सजे-संवरे बाजारों में खरीदारी का दौर रात तक चला।
मोबाइल, इलेक्ट्रानिक्स, आटोमोबाइल और सराफा बाजार में सर्वाधिक रौनक रही। अंचल के उज्जैन में सर्वाधिक 140 करोड़ रुपये से अधिक का व्यवसाय हुआ है। यहां एक दिन में 700 चार पहिया वाहन और दो हजार से ज्यादा दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई है। उधर रतलाम में करीब 70 करोड़ रुपये का व्यवसाय हुआ। अन्य जिलों में भी बीते साल की तुलना में व्यवसाय अच्छा रहा है।
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