exit polls how accurate was 2018 polls in madhya pradesh who form govt bjp congress – Exit Polls: 2018 में कितने सही थे एग्जिट पोल, किसकी बनी थी सरकार? परिणाम से कितने अलग थे अनुमान, मध्य प्रदेश न्यूज

exit polls how accurate was 2018 polls in madhya pradesh who form govt bjp congress – Exit Polls: 2018 में कितने सही थे एग्जिट पोल, किसकी बनी थी सरकार? परिणाम से कितने अलग थे अनुमान, मध्य प्रदेश न्यूज

[ad_1]

ऐप पर पढ़ें

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के लिए गुरुवार को एग्जिट पोल के आंकड़ों ने पार्टियों के बीच रोमांच बढ़ा दिया है। अब पार्टियों के साथ ही जनता की निगाहें तीन दिसंबर पर टिकी हैं जब मतगणना होगी। मध्य प्रदेश में टीवी9-पोलस्ट्रेट, इंडिया टुडे-एक्सिस और न्यूज24-चाणक्य भाजपा की सरकार बनाने का आसार जता रहे हैं। जन की बात के एग्जिट पोल में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला दिखा रहे हैं। रिपब्लिक-मैट्रिज और एबीपी-सी वोटर कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही है।

एग्जिट पोल के आधार पर बीजेपी और कांग्रेस सरकार बनाने के दावे कर रही हैं। हालांकि पिछले अनुभवों के आधार पर कहा जा सकता है कि एग्जिट पोल पूरी तरह से सही नहीं होते। कई बार देखा गया है कि परिणाम पोल के आंकड़ों से उलट होता है। यानी सीधे शब्दों में कहें तो एग्जिट पोल सटीकता की गारंटी नहीं होते। 2018 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो एग्जिट पोल ने मध्य प्रदेश में पार्टियों को जितनी सीटें दी थीं लगभग उतनी ही उन्हें मिली थीं। पोल और असल परिणामों के बीच ज्यादा अंतर नहीं था।

एग्जिट पोल में किसकी बनी थी सरकार

मध्य प्रदेश में, सात प्रमुख एग्जिट पोल के औसत ने कांग्रेस पर भाजपा की मामूली जीत की भविष्यवाणी की थी। 230 सदस्यीय विधानसभा में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। जबकि केवल एबीपी न्यूज-सीएसडीएस ने कांग्रेस के बहुमत की भविष्यवाणी की थी। वहीं इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया, टाइम्स नाउ-सीएनएक्स और इंडिया-सीएनएक्स ने भाजपा के बहुमत की भविष्यवाणी की थी। कांग्रेस ने 2018 के चुनाव में 114 सीटें जीतीं, जो बहुमत से केवल एक सीट कम और भाजपा से केवल पांच सीटें अधिक थीं। एग्जिट पोल में दोनों पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर की झलक देखी गई थी। सात में से चार एग्जिट पोल में कांग्रेस-बीजेपी के बीच कुछ ही सीटों का अंतर दिखाया गया था। 

क्या था रिजल्ट

2018 में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। 114 सीटों के साथ कांग्रेस सबसे बड़े दल के तौर पर सामने आई थी। वहीं बीजेपी के खाते में 109 सीटें आई थीं। ऐसे में सपा, बसपा और निर्दलीय के साथ मिलकर कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई। 15 सालों तक राज्य की सत्ता पर काबिज रही बीजेपी को विपक्ष में बैठना पड़ा। हालांकि 2020 में राजनीतिक घटनाक्रम बदला जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के सपोर्ट में 20 से ज्यादा विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ बीजेपी ज्वाइन कर ली। जिसकी वजह से कमलनाथ सरकार गिर गई और एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के मुखिया के तौर पर बागडोर संभाली। वे इस बार जनता से पूर्ण बहुमत मिलने की उम्मीद लगाए हुए हैं। वहीं सहानुभूति कार्ड के जरिए कांग्रेस को सत्ता की चाबी मिलने का भरोसा है।

[ad_2]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here