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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दौड़ में भारत अब पीछे नहीं रहना चाहता। चीन के DeepSeek-V3 मॉडल ने AI की दुनिया में हलचल मचा दी है, लेकिन भारत ने भी इस क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बनाने की योजना तैयार कर ली है। सरकार ने 10,370 करोड़ रुपये के बजट के साथ AI मॉडल विकसित करने का लक्ष्य रखा है।
भारत के AI मिशन की पूरी खबर
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में इस समय कई देश लगातार नए इनोवेशन कर रहे हैं और आगे बढ़ने की होड़ में हैं। चीन ने जब से DeepSeek-V3 लॉन्च किया है, पूरी दुनिया में हलचल मच गई है। खासतौर पर अमेरिका इस मॉडल को लेकर चिंतित है क्योंकि यह उन्नत तकनीक होने के साथ ही कम लागत में विकसित किया गया है। अब भारत भी इस दौड़ में पिछड़ना नहीं चाहता और अपनी खुद की AI रणनीति तैयार कर रहा है।
भारत सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 10,370 करोड़ रुपये का बजट रखा है और 67 प्रपोजल्स प्राप्त किए हैं, जिनमें 20 लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLMs) भी शामिल हैं। इन प्रस्तावों पर विचार करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा, जो इन प्रपोजल्स का विश्लेषण कर उचित दिशा में निर्णय लेगी। पिछले महीने ही सरकार ने बड़ी कंपनियों से AI मॉडल्स पर प्रस्ताव मांगे थे, जिसके जवाब में Sarvam AI, CoRover.ai जैसी कंपनियों ने अपने प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं। इस पूरी प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है, ताकि जल्द से जल्द AI मॉडल पर काम शुरू किया जा सके।
अश्विनी वैष्णव का बयान
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस प्रोजेक्ट पर विस्तृत जानकारी दी है। उनका कहना है कि भारत पूरी दुनिया को एक वर्ल्ड-क्लास AI मॉडल प्रदान कर सकता है, जिसे अगले 9-10 महीनों में लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार कई AI मॉडल्स को मंजूरी दे सकती है, जिनका उपयोग विभिन्न आवश्यकताओं और स्केल के आधार पर किया जाएगा। फंडिंग को लेकर सरकार दो विकल्पों पर विचार कर रही है – डायरेक्ट फाइनेंशियल सपोर्ट और इक्विटी बेस्ड फंडिंग।
चीन के DeepSeek-V3 मॉडल का प्रभाव
भारत के AI मिशन को चीन के DeepSeek-V3 से जोड़कर देखा जा रहा है। DeepSeek-V3 ने AI की दुनिया में एक नई क्रांति ला दी है, जिससे अमेरिका जैसे देशों पर अधिक निवेश और तेजी से इनोवेशन करने का दबाव बढ़ गया है। यह मॉडल दिखाता है कि कड़े प्रतिबंधों के बावजूद, चीन ने AI के क्षेत्र में खुद को एक मजबूत प्रतियोगी के रूप में स्थापित कर लिया है। अब भारत भी इसी राह पर आगे बढ़ते हुए अपनी AI क्षमता को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करने के लिए तैयार है।
भारत के AI मिशन का महत्व
भारत का AI मिशन देश को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल AI तकनीक को बढ़ावा देगा, बल्कि स्टार्टअप्स और इनोवेशन को भी गति प्रदान करेगा। भारत सरकार की यह पहल देश को AI की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत स्थान दिलाने में मदद कर सकती है।
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