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Madhya Pradesh Assembly Election 2023 : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सभी 230 सीटों पर मतदान होने के साथ ही कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो जाएगा। चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने अपनी सभी तैयारियां पूरी कर लीं हैं। मतदान सुबह सात बजे प्रारंभ होकर शाम छह बजे तक चलेगा। हालांकि, नक्सली प्रभावित बालाघाट, डिंडोरी और मंडला जिले के संबंधित नक्सली क्षेत्रों में स्थित मतदान केंद्रों में मतदान की प्रक्रिया सुबह सात बजे प्रारंभ होकर दिन में तीन बजे तक संपन्न कराई जाएगी।
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने यूनीवार्ता को बताया कि निर्वाचन आयोग ने सभी 230 सीटों पर निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से मतदान कराने के लिए आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। राज्य के पांच करोड़ 60 लाख से अधिक मतदाता 65 हजार पांच सौ से अधिक मतदान केंद्रों पर पहचानपत्र के साथ पहुंचकर मतदान कर सकेंगे। उन्होंने सभी मतदाताओं से मतदान की प्रक्रिया में शामिल होने की अपील की है। विधानसभा चुनाव में कुल 2533 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 2280 पुरुष, 252 महिलाएं और एक अन्य (थर्ड जेंडर) प्रत्याशी शामिल हैं।
किसने कितनी रैलियां की हैं…
चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही विभिन्न दलों के नेताओं ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी। लगभग एक पखवाड़े तक चले चुनाव अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने 14, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने 21 और अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने चुनावी सभाएं कीं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले माह से अब तक लगभग 160 चुनावी सभाएं की हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने 55 सभाओं को संबोधित किया। पार्टी के अन्य स्टार प्रचारकों ने भी सभाओं की झड़ी लगा दीं।
दूसरी ओर कांग्रेस की तरफ से वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और अन्य नेताओं ने भी चुनावी सभाएं कीं। चुनावी समर में बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और अन्य नेताओं ने भी राज्य में चुनाव प्रचार किया।
कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला
मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान बुधनी से, पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ छिंदवाड़ा से और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दिमनी से, प्रहलाद पटेल नरसिंहपुर से और फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला जिले के निवास से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके अलावा भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर एक क्षेत्र से तथा चार सांसद, राज्य सरकार के दो दर्जन से अधिक मंत्री और अन्य प्रमुख नेता भी चुनावी दंगल में ताल ठोक रहे हैं।
साल 2018 के चुनाव में क्या हुआ..
पंद्रहवीं विधानसभा के गठन के लिए 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत (216 सीट) नहीं मिला था। उस समय कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी और उसने अन्य दलों के साथ मिलकर दिसंबर 2018 में राज्य में 15 सालों बाद कांग्रेस की सरकार बनाई थी। तब मुख्यमंत्री के रूप में श्री कमलनाथ ने शपथ ली थी। भाजपा को 109 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था और उसके हाथ से सत्ता चली गयी थी। इसके अलावा चार निर्दलियों के साथ ही बसपा के दो और सपा के एक प्रत्याशी ने विजय हासिल की थी।
मार्च 2020 में तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादत्यि सिंधिया के अपने समर्थक विधायकों के दलबदल के कारण कांग्रेस सरकार गिर गई थी और भाजपा फिर से सत्ता में आ गई। इसके बाद हुए उपचुनावों के चलते विधानसभा में वर्तमान में भाजपा के सदस्यों की संख्या बढ़कर 127 और कांग्रेस सदस्यों की संख्या घटकर 96 हो गयी है। नई सरकार के गठन को लेकर तस्वीर तीन दिसंबर को मतगणना के साथ साफ हो जाएगी।
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