MP में अब आदतन क्रिमिनल्स की खैर नहीं, हर एक पर रहेगी खुफिया पुलिस की नजर

MP में अब आदतन क्रिमिनल्स की खैर नहीं, हर एक पर रहेगी खुफिया पुलिस की नजर

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मध्यप्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने 1200 से अधिक अपराधियों को चिह्नित किया है, जो बार-बार एक ही तरह के संगठित अपराध कर रहे हैं। पुलिस अब उनकी गतिविधियों पर नजर रखेगी, विशेषकर नारकोटिक्स और अवैध हथियारों से जुड़े अपराधियों पर। डाटा संग्रहण से भविष्य में जल्दी पकड़े जाने में मदद मिलेगी।

कुछ अपराधी एक-दो नहीं बल्कि चार-पांच बार तक एक ही तरह के संगठित अपराध कर रहे हैं, पर पुलिस को इसका पता तब चलता है जब वह पकड़ा जाता है। ऐसे अपराधी अब पुलिस के रडार पर रहेंगे। उनकी हर गतिविधि पर एसटीएफ की खुफिया नजर रहेगी। जरूरत पर जिला पुलिस बल का सहयोग भी कुछ अपराधियों पर नजर रखने के लिए लिया जाएगा।

मप्र स्पेशल टास्क फोर्स ने ऐसे 1200 से अधिक अपराधियों को चिह्नित किया है। इनमें दो या अधिक बार एक ही तरह के अपराध करने वाले शामिल हैं। कुछ तो लंबे समय तक जेल में रहकर आए और फिर उसी अपराध की दुनिया में पहुंच गए।

आठ श्रेणियों में अपराधी चिह्नित

अपराध की प्रकृति के आधार पर आठ अलग-अलग श्रेणियों में अपराधियों को चिह्नित किया गया है। इसमें नारकोटिक्स, वन्य जीवों की तस्करी, अवैध हथियारों की खरीद-बिक्री, जुआ-सट्टा जैसे अपराध शामिल हैं। पुलिस के रडार में रहने से अब वह फिर अपराध करते हैं तो जल्दी पकड़े जा सकेंगे। साथ ही ऐसे अपराधी का डाटा भी तैयार हो सकेगा जो लंबी सजा काटने के बाद भी बार-बार अपराध कर रहे हैं। पुलिस का सबसे अधिक ध्यान इन्हीं की गतिविधियों पर रहेगा।

मादक पदार्थों के तस्करों पर

पुलिस की नारकोटिक्स शाखा द्वारा चलाए जाने वाले विशेष अभियानों के दौरान भी मादक पदार्थों के अवैध कारोबार में पकड़े गए लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मादक पदार्थों का अवैध कारोबार करने वाले 25 हजार आरोपितों एवं अपराधियों का डाटा उनके पास है, जिसमें दो से अधिक बार अपराध करने वालों को चिह्नित किया गया है।

कैसे-कैसे मामले

नारकोटिक्स के प्रकरण में उज्जैन के एक आरोपित को 10 वर्ष की सजा हुई। जेल से छूटने के बाद वह फिर उसी काम में लग गया। इसी माह पुलिस ने फिर उसे गिरफ्तार किया है।

भोपाल में एमडी ड्रग मामले में गिरफ्तार किए गए मंदसौर के हरीश आंजना के विरुद्ध पहले से ही चार प्रकरण दर्ज थे। इसके बाद मादक पदार्थों के अवैध कारोबार में उसके कदम बढ़ रहे थे। पुलिस की खुफिया नजर उस पर रहती तो पहले ही मामले का पर्दाफाश हो जाता।

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