Parliament Session 2024 Live: राज्यसभा से विपक्ष का वॉकआउट, PM मोदी बोले- सत्य सुनने की इनमें हिम्मत नहीं

Parliament Session 2024 Live: राज्यसभा से विपक्ष का वॉकआउट, PM मोदी बोले- सत्य सुनने की इनमें हिम्मत नहीं

[ad_1]

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे हैं। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि भारत की आजादी के इतिहास में हमारी संसदीय लोकतांत्रिक यात्रा में बहुत दशकों के बाद देश की जनता ने एक सरकार को तीसरी बार देश की सेवा करने के लिए चुना है। 60 साल के बाद यह हुआ है कि 10 साल के बाद कोई एक सरकार फिर से उसकी वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक के बाद हुई यह घटना असामान्य है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान विपक्ष राज्यसभा में रुक-रुककर हंगामा किया। इसके बाद पूरा विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया। राज्यसभा के सभापति ने विपक्ष के इस कदम का आलोचना की है।

PM Modi Rajya Sabha Speech LIVE:

>> वैश्विक संकटों की वजह से कुछ समस्याएं उत्पन्न हुईं, लेकिन हमने 12 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी देकर इसका असर किसानों पर नहीं पड़ने दिया। हमने कांग्रेस के मुकाबले कहीं अधिक पैसा किसानों तक पहुंचाया। अन्न भंडारण का विश्व का सबसे बड़ा अभियान हमने हाथ में लिया और इस दिशा में काम चल पड़ा है।

>> मैं तो कर्तव्य से बंधा हुआ हूं, मैं यहां डिबेट पर स्कोर करने नहीं आया हूं। मैं तो देश का सेवक हूं, देशवासियों को मेरा हिसाब देने आया हूं। देश की जनता को मेरे पल-पल का हिसाब देना, मैं अपना कर्तव्य मानता हूं।

>> आने वाले पांच साल मूल्य सुविधाओं के संतृप्ति के लिए और गरीबी के खिलाफ लड़ाई के लिए हैं। आने वाले पांच वर्ष गरीब जब गरीबी के खिलाफ लड़ाई के लिए एक सामर्थ्य के साथ खड़ा हो जाता है और फिर वह सफलता को प्राप्त करता है इसलिए आने वाले 5 साल गरीबी के खिलाफ निर्णायक वर्ष है और यह देश गरीबी के खिलाफ विजयी होकर उभरेगा और यह बात मैं पिछले 10 वर्षों के अनुभव के आधार पर कह रहा हूं। जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा तो इसका असर जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ेगा।

>> संसद से विपक्ष ने वॉकआउट किया। इसके बाद सभापति ने विपक्ष की तीखी आलोचना की। उन्होंने इसे संसद का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि मैंने इनसे प्रधानमंत्री का जवाब सुनने का अनुरोध किया था, लेकिन ये पीठ दिखाकर चले गए।

>> भारत की आजादी की इतिहास में हमारे संसदीय लोकतांत्रिक यात्रा में कई दशकों के बाद देश की जनता ने एक सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया। 60 साल बाद ऐसा हुआ है कि सरकार 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद वापस लौटी है। यह कोई सामान्य बात नहीं है। कुछ लोगों ने जानबूझकर जनता द्वारा दिए गए इस फैसले को धूमिल करने की कोशिश की।

>> नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया था कि एक तिहाई सरकार। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।

>> देश की जनता ने हमें भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया में तीसरी नंबर पर पहुंचाने का काम दिया है। हमारी सरकार ने 10 नंबर से 5 नंबर पर पहुंचाया है। विपक्ष सिर्फ इंतजार करना जानता है। उन्हें रिमोट कंट्रोल की आदत है। हम परिश्रम में विश्वास करते हैं।

>> देश की जनता के विवेक पर मुझे गर्व है। उन्होंने परफॉरमेंस को प्राथमिकता दी और प्रोपगेंडा को फेल कर दिया।

>> आज संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों ​को संविधान की भावना को, संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है, देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया इसके विषय में विस्तार से चर्चा हो।  एक व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं।

>> जब लोकसभा में जब हमारी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे तो मैं हैरान हूं कि जो आज संविधान की प्रति लेकर घूमते रहते हैं, दुनिया में लहराते रहते हैं, उन्होंने विरोध किया था कि 26 जनवरी तो है, फिर संविधान दिवस क्यों लाएं? 

>> संविधान हमारे लिए सिर्फ धाराओं की किताब नहीं है। मेरे लिए उसके शब्द बहुत मूल्यवान हैं। मेरा मानना है कि किसी भी सरकार के कार्यकलापों में मार्गदर्शन का काम करता है।

>> कुछ लोगों को जनादेश समझ नहीं आ रहा है। जनते ने हमें फिर मौक दिया। जनता ने हमें लगातार तीसरी बार मौका दिया। देशवासियों के विवेक पर मुझे गर्व है।

>> पिछले दो-ढाई दिन में करीब 70 सांसद इस चर्चा में शामिल हुए। राष्ट्रपति के अभिभाषण को व्याख्यायित करने में आप सभी सांसदों ने जो योगदान दिया है उसके लिए मैं आप सबका आभार व्यक्त करता हूं।

आपको बता दें कि राज्यसभा में 28 जून को चर्चा की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुधांशु त्रिवेदी ने की थी। सदन के नेता जेपी नड्डा ने मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में अपनी बात रखी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया था।

[ad_2]