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मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के 28 दलों वाले ‘इंडिया’ गठबंधन की एकता को लेकर एक बार फिर कई सवाल खड़े हो गए हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को गठबंधन के साथियों से भी मुकाबला करना होगा। मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी जहां पहले ही सभी 200 सीटों पर अकेले लड़ने का ऐलान कर चुकी है तो अब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में गठबंधन की संभावनाएं भी खत्म हो गई हैं। दोनों दलों के बीच गठबंधन और शीट शेयरिंग को लेकर बातचीत भी हुई, लेकिन सहमति नहीं बन पाई।
रविवार को जब कांग्रेस ने 144 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया तो यह भी साफ हो गया कि सपा के साथ गठबंधन की सभी उम्मीदें अब खत्म हो गईं हैं। कांग्रेस ने उन 7 में से 4 सीट पर उम्मीदवार का ऐलान कर दिया जिनपर सपा पहले ही प्रत्याशी की घोषणा कर चुकी थी। सपा को सबसे बड़ा झटका छतरपुर के बिजावर सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार का नाम देखकर लगा, जिस पर 2018 में उसे जीत मिली थी। हालांकि, सपा ने अभी यहां उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है। शाम को अखिलेश की पार्टी ने 9 और उम्मीदवारों की एक सूची जारी की।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में मध्य प्रदेश में सपा के प्रदेश अध्यक्ष रामायण सिंह पटेल के हवाले से कहा गया, ‘कांग्रेस से गठबंधन की सभी संभावनाएं खत्म हो चुकी हैं। कांग्रेस नेतृत्व के साथ हमारी कुछ बातचीत भी हुई थी, लेकिन रविवार को खत्म हो गई। हम अब अकेले ही चुनाव लड़ेंगे।’ बताया जा रहा है कि अखिलेश भी कांग्रेस के रुख से नाखुश हैं। बताया जा रहा है कि अखिलेश मध्य प्रदेश की कुछ सीटों पर जीत के लिए पूरा जोर लगाएंगे। आने वाले दिनों में वह कई सभाएं कर सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक सपा अध्यक्ष के एक करीबी नेता ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, ‘कांग्रेस भाजपा को हराने में दिलचस्पी नहीं रखती है। हमने कांग्रेस नेतृत्व से बातचीत भी की लेकिन वे गठबंधन में लेकिन उन्होंने दिलचस्पी नहीं ली। ऐसा लगता है कि उनका पहला मकसद बीजेपी को नहीं सपा को हराना है। हमारा गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए होगा, लेकिन मध्य प्रदेश में हम अकेले ही लड़ेंगे।’ पार्टी नेता ने कहा कि सपा 30-35 सीटों पर लड़ सकती है।
ज्यादा सीटें मांग रही थी सपा: कांग्रेस
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रवक्ता पीयूष बबेले ने कहा कि शीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला हाई कमान का होगा। एक अन्य नेता ने पहचान गोपनीय रखने की अपील करते हुए कहा कि सपा अपनी ताकत से ज्यादा सीटें मांग रही थी। उन्होंने कहा, ‘मध्य प्रदेश में उनकी पकड़ नहीं है। वे कैसे इतनी सीटों की उम्मीद कर सकते हैं? कुछ किया जा सकता है, लेकिन सपा को जमीनी सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए कि यहां उनकी पकड़ नहीं है।’